Anganwadi Good News: आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की बल्ले बल्ले अब सभी को मिलेगा रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी का लाभ

Anganwadi Good News: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को अब रिटायरमेंट के बाद ग्रेच्युटी का लाभ दिया जाएगा यह फैसला त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने दिया है हाई कोर्ट ने सेवा निवृत आंगनबाड़ी कर्मचारियों के समूह द्वारा दायर की गई याचिका पर लंबी सुनवाई के बाद शुक्रवार को फैसला सुनाया है उन्होंने फैसला सुनाते हुए कहा राज्य सरकार को सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को उनकी सेवा निवृत्ति पर ग्रेच्युटी लाभ प्रदान करने का निर्देश दिया है न्यायमूर्ति सब्यसाची दत्ता पुरकायस्थ ने राज्य सरकार को सभी सेवानिवृत्ति आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को ब्याज सहित ग्रेच्युटी प्रदान करने के निर्देश दिए है।IMG 20240512 WA0002

याचिका कर्ताओं कि अधिवक्ता बर्मन ने कहा इस फैसले से 20,000 से ज्यादा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को लाभ प्राप्त होगा अधिवक्ता बर्मन ने कहा कि कम वेतन पाने वाले कर्मचारियों ने बच्चों के समग्र विकास में योगदान दिया है लेकिन सेवा निवृत्ति के पश्चात उन कर्मचारियों को खाली हाथ घर लौटना पड़ा है श्री बर्मन ने कहा कि वर्ष 2021 में उच्चतम न्यायालय ने गुजरात आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के एक मामले की सुनवाई के पश्चात सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को जमीनी स्तर पर उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हुए ग्रेच्युटी का लाभ प्रदान करने का निर्देश दिए उच्चतम न्यायालय के उस फैसले को ध्यान में रखते हुए त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को बिना किसी देरी के सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को ग्रेच्युटी देने का आदेश दिया है साथ ही कहा है कि इस फैसले से देश के बाकी हिस्सों में बड़ी संख्या में सभी श्रमिकों को मदद मिलेगी।

इस फैसले के अनुसार आईसीडीएस योजना के तहत कार्यरत सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं को सेवा से सेवानिवृत होने पर कार्यकर्ताओं को ग्रेच्युटी राशि प्राप्त होगी।

माननीय उच्च न्यायालय ने विशेष रूप से यह कहा कि ग्रेच्युटी सेवा से निवृत्ति होने के 30 दिनों के अंदर भुगतान की जानी चाहिए अगर इसमें देरी की जाती है तो ब्याज सहित धनराशि आगे बढ़ती चली जाएगी।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं हेतु इस फैसले को जीत बताते हुए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं कहा कि बहुत बड़ी जिम्मेदारी निभाते हैं लेकिन बदले में उन्हें जो भुगतान मिलता है वह एक सभ्य जीवन जीने के लिए पर्याप्त नहीं है।