Manrega Yojna News:महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) में संविदा पर लगे हुए कर्मचारियों को स्थाई नियुक्ति दी जाएगी हाल ही में राजस्थान के मुख्यमंत्री ने मनरेगा में लगे हुए संविदा कर्मियों के लिये हितकारी फैसला करते हुए संविदा कर्मियों को नियमित करने की घोषणा कर दी है बल्कि इसके साथ शर्त भी रखी गई है इसका लाभ संविदा कर्मियों को मिलेगा जिन्होंने लगातार इस योजना में 9 वर्ष तक कार्य किया हो मुख्यमंत्री के इस फैसले से राज्य के मनरेगा में लगे हुए संविदा कर्मचारियों को बड़ी तसल्ली मिली है।
जानकारी के लिए बता दें कि मनरेगा में कार्य करने वाले संविदा कर्मी बहुत लंबे समय से नियमित होने की मांग कर रहे थे जिस पर मुख्यमंत्री ने इनकी बात को ध्यान में रखते हुए इन संविदा कर्मियों को सरकारी नौकरी देने का तोहफा दिया है।
सेवा अवधि की गणना किस आधार पर की जाएगी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राज्य सरकार के द्वारा मनरेगा के संविदा कर्मियों को स्थाई करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है लेकिन इसका लाभ सिर्फ उन संविदा कर्मियों को मिलेगा जिन्होंने 9 वर्ष तक लगातार मनरेगा में संतोषजनक तरीके से कार्य किया होगा इसमें अन्य विभाग या योजना की सेवा अवधि को शामिल नहीं किया जाएगा 9 वर्ष की अवधि की गणना 1 अप्रैल 2024 को अनुसार की जाएगी।
कितने संविदा कर्मी नियमित होंगे
राज्य के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के द्वारा इस संबंध में राज्य के सभी जिला कार्यक्रम समन्वयक, EGS एवं कलेक्टरों को निर्देश दे दिए गए हैं निर्देश में कहा गया है कि 11 जनवरी 2022 को निकाली राजस्थान कंट्रेक्चुअल टू सिविल पोस्ट रूल 2022 के नियम- 20 के द्वारा ग्रामीण विकास विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में सृजित 4966 पदों की प्रशासनिक स्वीकृति के साथ मार्च 2024 को निकाली गई है इन आदेशों के मुताबिक महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत नियुक्ति प्राप्त संविदा कर्मियों को जिन्होंने 9 वर्ष तक की अवधि में संतोष जनक कार्य किया हो उनकी स्क्रीनिंग की जाएगी इस काम के लिए जिला स्तरीय कमेटी को उनकी पात्रता की जांच एवं दस्तावेज सत्यापन का कार्य दिया गया है।
मनरेगा अकुशल श्रमिकों को मिलता है ₹100दिन रोजगार
यह एक ऐसी योजना है जो प्रत्येक भारतीय परिवार को एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम सौ दिन के रोजगार की गारंटी देता है इसके तहत प्रत्येक परिवार के युवा सदस्यों को काम करने के लिए रोजगार दिया जाता है इसमें शहरी व ग्रामीण दोनों श्रमिक एक वर्ष में 100 दिन का रोजगार प्राप्त कर सकते हैं मनरेगा के अंतर्गत नेहरों, तालाबों, सड़कों,कुओं का निर्माण किया जाता है।