Bed Teacher News: B.Ed शिक्षकों के लिए आ गई खुशखबरी! प्राथमिक शिक्षक की नौकरी नहीं जाएगी

Bed Teacher News: सुप्रीम कोर्ट द्वारा बीएड अभ्यर्थियों के लिए स्थिति स्पष्ट कर दी गई है सुप्रीम कोर्ट द्वारा कहा गया है कि अगस्त 2023 के फैसले को पूरे देश में माना जाएगा 11 अगस्त 2023 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले देवेश शर्मा बनाम भारत संघ सिविल अपील संख्या 5068 ऑफ 2023 में बीएड प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों के रूप में नियुक्ति के लिए बीएड डिग्री का फैसला 11 अगस्त 2023 के बाद ही लागू होगा इसके अतिरिक्त यह स्पष्टीकरण पूरे भारत में लागू किया जाएगा ।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले को लेकर स्पष्टीकरण दिया गया है कि विज्ञापन में योग्यता के रूप में बीएड निर्दिष्ट किया गया है वहां सेवाओं में बाधा नहीं डाली जाएगी सुप्रीम कोर्ट द्वारा पिछले साल अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के उच्च न्यायालय द्वारा पारित किए गए आदेश को पारित किए गए आदेश को बरकरार रखा था बैचलर आफ एजुकेशन अर्थात बीएड डिग्री धार प्राथमिक विद्यालय शिक्षक पदों के लिए आयोग घोषित किए गए थे।Bed Teacher News

न्यायमूर्ति न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और अनिरुद्ध बोस की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि बीएड अभ्यर्थियों के पास प्राथमिक शिक्षा में पढ़ाने के लिए निर्धारित प्रशिक्षण योग्यता नहीं है इसलिए यह लोग प्राथमिक शिक्षा के लिए अयोग्य घोषित माने जाएंगे।

राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा एनसीटीई की उस अधिसूचना को रद्द कर दिया गया था जिस अधिसूचना के माध्यम से बीएड अभ्यर्थियों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती में शामिल किया गया था और उन्हें प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए योग्य माना गया था प्राथमिक शिक्षक के लिए के बीएड को शामिल करने को आरटीई अधिनियम के उद्देश्यों के विपरीत कोर्ट द्वारा माना गया था।

जरूरी है यह शर्त

प्राथमिक शिक्षक पद पर वर्दी के लिए बीएड डिग्री धारकों को अयोग्य मानने के 11 अगस्त 2023 के फैसले को स्पष्ट करते हुए कहा है कि 11 अगस्त 2023 से पहले की भर्ती पर इस आदेश का असर नहीं होगा अर्थात जिन बीएड डिग्री धारक अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्राथमिक शिक्षकों के पद पर हो चुकी है वे सभी अपनी नौकरी में बने रहेंगे कोर्ट द्वारा एक शर्त भी रखी गई है कि अगर किसी अदालत से उसकी योग्यता के बारे में कोई आदेश पारित किया गया है तो वह आदेश लागू रहेगा।

बता दें मध्य प्रदेश सरकार और बहुत से प्रभावित अभ्यर्थियों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई थी और सुप्रीम कोर्ट से आदेश में संशोधन करने और स्पष्टीकरण की मांग की गई थी उत्तर प्रदेश के शिक्षकों की ओर से भी B.Ed शिक्षकों द्वारा न्यायालय में गुहार लगाई गई थी उत्तर प्रदेश में 34000 से अधिक बीएड शिक्षक वर्तमान में कार्यरत हैं।